मैं एकता का फ़रमान हूं
मैं एकता का फ़रमान हूं
उनके सिर का ताज हूं,
बिल्कुल मैं आज़ाद हूं,
भारत भर की शान हूं,
राजा जम्बू की आन हूं,
कह दो नापाक इरादों से,
मैं एकता का फरमान हूं।।
दो जिस्म और एक जान हूं,
मैं हिंदू और मुसलमान हूं,
रामायण और कुरान हूं,
मैं ईश्वर का वरदान हूं,
कह दो नापाक इरादों से,
मैं एकता का फरमान हूं।।
सिर से लेकर पैरों तक,
मैं सौंदर्य की बौछार हूं,
आकर्षण मुझ में ऐसा है
हर सैलानी का अरमान हैं,
गोली कितनी ही बरसा लो,
छलनी न कर पाओगे,
मेरे टुकड़ों की सोचो मत,
टुकड़ा -टुकड़ा हो जाओगे,
क्योंकि,
उनके सिर का ताज हूं,
बिल्कुल मैं आज़ाद हूं,
पूरा हिंदुस्तान हूं,
कह दो नापाक इरादों से,
मैं एकता का फरमान हूँ।।