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Preeti Padma

Abstract Tragedy

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Preeti Padma

Abstract Tragedy

मैं अकेला हूँ

मैं अकेला हूँ

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मैं अकेला हूं

मंजिलें भी उसकी थी,

रास्ता भी उसका था...

एक में अकेला था

काफ़िला भी उसका था...


साथ साथ चलने की

सोच भी उसकी थी,

फिर रास्ता बदलने का

फैसला भी उसका था...

आज क्यों अकेला हूं,

दिल सवाल करता है...

लोग तो उसके थे ही,

क्या खुदा भी उसका था???

क्या खुदा भी उसका था....



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