STORYMIRROR

Churaman Sahu

Inspirational

4  

Churaman Sahu

Inspirational

मै एक नारी हूँ

मै एक नारी हूँ

1 min
546


आज के समय में सभी को चाहिए, खूबसूरत मित्र 

सुंदर पत्नी, संस्कारी, सुशील और आज्ञाकारी बहू,

लेकिन जन्म लेने से पहले ही मार देते हो मुझको,

मैं एक नारी हूँ, अपनी व्यथा किससे और कैसे कहूँ ?


कितने ताने सुनने पड़ते हैं, मेरी माँ को सभी से,

अगर उसने मुझको बचाकर जन्म दे भी दिया,

जैसे-तैसे मैं बड़ी हुई, अपने पैरो में खड़ी हुई।

संस्कारों के नाम पर फिर क्यों पैरो में हैं बेड़ियाँ ?


मेरी चाहत और पसंद की किसको है परवाह ?

तेज़ाब से, मेरे चेहरे को जला दिया जाता है सरे राह।

मैं नारी हूँ, कुरूप चेहरे में भी हिम्मत से जी लूँगी।

क़िस्मत होगी तो न्याय मिलेगी और फ़िल्म बनेगी।


हे मनुष्य अब तो जागो, क्या यूँ ही सोते रह जाओगे ?

सन्नाटे में गूँजती बेटियों की चीख, कब सुन पाओगे ?

बहनो तुम भी सुनो कब तक मदद के लिये हाथ फैलाओगे ?

दुराचारी को ख़त्म करने, चण्डी रूप कब दिखलाओगी ?


जब कभी घर या देश में संकट के बादल छाये हैं,

इतिहास के पन्नो में बहनों ने भी नाम दर्ज कराये हैं।

हिन्द कि गहराइयों से लेकर, हिमालय की चोटी तक,

चंद्रयान और मंगल तक बेटियों ने परचम लहराये हैं।

 

बेटी की किलकारी के बिना, हर घर का आँगन सूना है,

बहन न होगी तो, हर राखी में भाई की कलाई सूना है।

कितनी भी हम कर लें तरक़्क़ी, नारी बिन सब अधूरी है,

विश्व गुरु बनने से पहले नारी शक्ति का सम्मान जरुरी है। 




Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational