STORYMIRROR

Manu Sweta

Abstract

3  

Manu Sweta

Abstract

माता पिता

माता पिता

1 min
129

माता पिता के संग बिताए पल

आज भी बहुत याद आते हैं

वो उनकी हर बात पर टोकना

जरा जरा सी बात पर घबरा जाना


आज भी याद बहुत आता है

वो रूठने पर मनाना और

गोद में उठाकर धीरे से झुलाना

आज भी याद बहुत आता है


कई बार मुझको जरा सी

बात पर डांटना और फिर

खुद ही अपने हाथों से खाना खिलाना

आज भी याद बहुत आता है


वो कहते थे मुझको लाडो ही अक्सर

फिर अपने से दूर कर दिया

मुझको यूँ पराया कर देना

आज भी याद बहुत आता है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract