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Sudhirkumarpannalal Pratibha

Abstract Inspirational

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Sudhirkumarpannalal Pratibha

Abstract Inspirational

मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं

मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं

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मनुष्य

जीवन का

सबसे बड़ा

धर्म होता है


अगर मानवता

नहीं है तो

वो दैत्य

समान होता है


प्रेम मानवता के

गर्भ से हीं

पैदा होता है

नफरत के

गर्भ से तो

बैमनस्य दूरियां


झगड़ा

अविश्वास हीं

पैदा होता है

मानवता के 

मापदंड पर


जो भी शख्स

खरा उतरा

उसका जीवन

धन्य हो गया।


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