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Mridul Makkar

Inspirational

0.8  

Mridul Makkar

Inspirational

माँ

माँ

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तुझसे ही वजूद मेरा, हाँ तुझसे ही ज़िन्दगी,
कुछ अच्छा तो  शायद ज़रूर किया
होगा मैंने जो मुझको माँ तुम मिली,
तेरा ही तो अक्स हूँ, तेरा ही इक हिस्सा,
तू ही है साथी मेरी, तू ही है पूजा,
लाख गुनाह किये मैंने पर हमेशा तुमने माफ़ किया,
ना जाने कैसे अपने इस दिल को तूने साफ़ किया,
तुम जैसी तो नहीं बन पाउंगी कभी,
पर तेरी परछाई सी बन जाऊँगी,
हाँ तेरा ही तो अक्स हूँ माँ, मैं तेरा ही इक हिस्सा|


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