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Harneet kaur naiyyar

Abstract

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Harneet kaur naiyyar

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माँ

माँ

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मां एक ऐसा रिश्ता जो दिल के करीब है 

जो दिल की धड़कन है 

मां आज भी तेरी बेटी भी एक मां है 

अब माँ बनकर कर समझी हूं 


जो समझ ना पाई थी कभी तेरी डांट 

सुनकर गुस्सा होती थी  

कभी जो फिकर मेरे लिए करती थी 

तो मुझे डांट लगा कर 

तो तुम भी छुप छुप कर रोती थी


उस प्यार भरे एहसास को समझी हूं मैं अब 

कल तक तो थी मां तेरे आंचल में अब

खुद मां हो गई मैं तूने जो  सींचा है 

मुझको प्यार दुलार किया जो मुझको

बस वही करने लगी हूं मैं 


अपने ही बच्चों में खुद को तलाश रही 

मैं ममता की मूरत बन कर उनको पाल रही हूं 

तेरे दिए संस्कारों से उनको सवार रही हूं 

मां तेरी ही परछाई हूं मैं पर 


तेरे जैसी ममता कहां 

तेरे बलिदानों के आगे झुकता है मेरा तो मस्तक 

मां जन्म देकर जो सही थी पीड़ा तुमने 

कर्ज कभी ना चुका पाऊंगी 

प्यार सिखाने सबको ही शायद मां तुम आई हो 


निश्चल प्रेम करके ममता की मूरत कहलाई हो 

अपने दर्द भूल तुम जीवन देने आई हो 

मां शब्द नहीं है मेरे पास तेरे गुणगान के लिए

 मां तुम हो अनमोल ममता भरा दिल लाई हो।


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