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Dhruvi Patel

Inspirational

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Dhruvi Patel

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मां तुझे सलाम

मां तुझे सलाम

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ईश्वर ने बड़ी फुर्सत से तुझे बनाया है मां।

हर एक भाव के बीज तुझ में रोपे है ईश्वर ने।


तेरी ममता के आगे तो हर कोई अपना सिर झुका देता है मां।

ईश्वर को भी तेरी ममता के आगे अपना सिर झुकाना पड़ता है मां ।


मां शब्द लिखने में तो बहुत ही छोटा है।

लेकिन इस शब्द के पीछे पूरी दुनिया छुपी हुई है।


एक स्त्री जब सुनती हैंं कि वह मांं बनने बाली है।

तब उसकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहता है।


नौ महीने एक नन्ही सी जान को अपने कोख में पालती हैं।

हर दिन, हर वक्त वह अपने से पहले इस नन्हीं सी जान के बारे में सोचती है।


हर महीने अपने शरीर में होनेे वाले हर नए नए बदलाव का अनुभव करती है।

उसको कितनी भी कठिनाई क्यों न हो लेकिन उसके चेहरे पर खुशियां ही दिखाई देती है।


बच्चे के जन्म से पहले नदी के पानी की तरह हजारों प्रश्न मां के मन में बहतेे हैं।

लेकिन अपने हिम्मत जुटाकर, असहय दुख दर्द सहन करके एक नन्हीं सी जान का आगमन करती है।


एक नन्हीं सी जान की रोने की आवाज सुनकर मां अपना हर दुख दर्द भूल जाती है।

जो उसने बच्चे को जन्म देते वक्त सहा होता है।


और उसका पहला प्रश्न एक ही होता है कैसा है मेरा बच्चा?

ये सब एक मां ही कर सकती हैं।


अपने बच्चे को उंगली पकड़ के चलना सिखाती है।

बच्चा गिरता है तो फिर से खड़ा करके फिर से चलना सिखाती है।


कभी बच्चों की गलती पर गुस्सा भी करती हैं.। डांट भी लगाती हैं।

लेकिन वही मां अपने बच्चे को नाराज नहीं देख पाती है।


हर गम अपना भु लाकर बच्चों को हंसाती है मा।

हजारों मुश्किलों का सामना वह अकेली कर जाती है अपनेे के लिए।


हर मां अपने बच्चे को बीमाार देखकर वो अपना खाना पीना भूल जाती हैं।

और दिन-रात बच्चे की सेेेवा में लग जाती हैं।


बच्चों के जीवन को संवारने में वह खुद अपने जीवन को जीना भूल जाती हैं।

वह अपनेेेे हर एक कर्तव्य को पूरे दिल से निभाती हैं।


कभी भी अपनेेेे बच्चों के सामने अपने चेहरे पर गम या दुख नहीं आने देती है।

लेकिन बच्चेेे का चेहरा देखकर बच्चे को पहचान सा लेती है।


बच्चे के हर प्रश्न का उत्तर बिना पूछे ही देती है वह है मां।

बच्चे को आईने मेंंंं अपनी तस्वीर से सच्ची पहचान कराती है वह है मां।


हजारों मुसीबतों से लड़ता हुआ बच्चा जब घर पे अपने मां की गोद सिर रखता है ।

तब हर मुसीबत का हल मिल जाता है बच्चे को।


एक बच्चा कितना भी बड़ा क्यों न हों।

लेकिन एक मां के लिए वह हमेशा छोटा ही रहता है।


मा कितनी भी  बुढ़ी क्योंोंोंो न हो जााए लेकिन

अपने बच्चों की फ़िक्र आखिरी सांस तक करती हैं।


मां की ममता से कुुुुछ उपर नहीं है।

हर एक मां को मेेेरा सलाम।

 मैं ईश्वर से प्रार्थना करुंगी कि हर एक मां खुश और स्वस्थ रहेें।


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