माँ ~ प्रतियोगिता में विचारार्थ
माँ ~ प्रतियोगिता में विचारार्थ
रोम-रोम जिसका करे, सब बच्चों से प्यार।
माँ तुझ पर मैं वार दूँ, मेरे जनम हजार।।
मम्मी मेरी लेखनी, आज हो गई मौन।
जिसने सबको लिख दिया, उसको लिख्खे कौन।।
सदा हमें देती रहो, मम्मी अपना प्यार।
चरणों में है आपके, अपना घर-संसार।। सबका
माँ परिभाषा प्रेम की, है ममता की छाँव ।
जिसके आंँचल में पला, सदियों से यह गाँव।।