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Gargi Singh

Children

4  

Gargi Singh

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मां की परिभाषा

मां की परिभाषा

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मां, क्या है मां ?

हमारे मुंह से निकला सबसे पहला शब्द है मां,

हमारा गुरूर है मां।

क्या मां को परिभाषित करना इतना आसान है?

वो आसूओ में मुस्कान है,

निराशा में उम्मीद है, अरमान है।

वो धूप में नर्म चाउ सी है,

गर्म लू में ठंडी हवाओं सी है।

हार में जीत सी है वो,

बैरी दुनिया में मीत सी है वो।

दर्द में मरहम है वो,

शोर में सरगम है वो।

वो जान है, वो जहान है,

उसके बिना मेरी क्या पहचान है।

वो मेरी हँसी है, मैरी खुशी है, वो दुनिया से यारी है,

इस दुनिया की हर मां, दुनिया में सबसे प्यारी है।

अगर हम राजा है तो मां राज है,

अगर हम मस्तक, है तो मां ताज है।

अगर हम कुंठित है तो मां एक अभिलाषा है,

बस यही मां की परिभाषा है,

बस, यही मां की परिभाषा है।

                  ।।धन्यवाद।।

               


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