माँ आ रही हैं
माँ आ रही हैं
सरत के संभार में,
निर्मल बहार में
मंद मंद मलय में कास्तंदी गा रही हैं,
हरियाली की चुनर ओढ़े धरती झुमे जा रही है
देखो मेरी माँ आ रही हैं,
दुर्गा मैया आ रही हैं।
दशभुजा दशा सुधारेगी,
पापीयों को उद्धारेगी,
नारी को सबल प्रबल बनाने
शेरावाली आ रही हैं।
देखो मेरी माँ आ रही हैं।
अम्बे मैया आ रही हैं।