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आँचल त्रिपाठी

Romance

4.5  

आँचल त्रिपाठी

Romance

लाल इश्क~

लाल इश्क~

1 min
293


तुझको पाने की आस लगा रखी है हमारे दिल ने

जो तू ना मिला तो ताउम्र रहेगा इक मलाल इश्क


तुझसे मिलकर तेरे ही संग जीने की चाहत हुई हैं

तुझपर मर-मिटने की ख्वाहिश ही मेरा लाल इश्क


तुझे सोचते रहना भी अलग ही सुकूँ हैं जिंदगी का 

तेरे होने से जो मुकम्मल हो जाता वो ख्याल इश्क 


सजदों में मेरे अब तेरी भी दुआएँ शामिल होती हैं

अपनी सोहबत में कर रहा हर शय को जमाल इश्क


तुझमें खोकर हमारा खुद से भी ताअरूफ हो रहा हैं 

सुलझाने की कोशिश में लगे हैं ऐसा सवाल इश्क


तुम्हारे बगैर बहारें भी खिजां में तब्दील हो जाती हैं

तुम्हारे बिना तो हमारे लिए होगा सिर्फ जवाल इश्क


रुखसारों की लाली और चेहरे की चमक देखा करो 

ये शोख़ अदायें होती हैं सबसे अलहदा कमाल इश्क।

©आँचल त्रिपाठी


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