लाल इश्क~
लाल इश्क~
तुझको पाने की आस लगा रखी है हमारे दिल ने
जो तू ना मिला तो ताउम्र रहेगा इक मलाल इश्क
तुझसे मिलकर तेरे ही संग जीने की चाहत हुई हैं
तुझपर मर-मिटने की ख्वाहिश ही मेरा लाल इश्क
तुझे सोचते रहना भी अलग ही सुकूँ हैं जिंदगी का
तेरे होने से जो मुकम्मल हो जाता वो ख्याल इश्क
सजदों में मेरे अब तेरी भी दुआएँ शामिल होती हैं
अपनी सोहबत में कर रहा हर शय को जमाल इश्क
तुझमें खोकर हमारा खुद से भी ताअरूफ हो रहा हैं
सुलझाने की कोशिश में लगे हैं ऐसा सवाल इश्क
तुम्हारे बगैर बहारें भी खिजां में तब्दील हो जाती हैं
तुम्हारे बिना तो हमारे लिए होगा सिर्फ जवाल इश्क
रुखसारों की लाली और चेहरे की चमक देखा करो
ये शोख़ अदायें होती हैं सबसे अलहदा कमाल इश्क।
©आँचल त्रिपाठी