कुछ यूँ
कुछ यूँ
कुछ यूँ लिख दूँ तुम्हारे बारे में कि
पढ़ने वाले को भी तुमसे प्यार हो जाये
चेहरा मेरा दिखे और अकस तेरा नज़र आए
कुछ यूँ लिख दूँ तुम्हारे बारे में कुछ यूँ
लफजों में सिमटूं कुछ इस कदर कि
साँसों को भी तेरी जरूरत हो जाए
कुछ यूँ लम्हों को रोक दूँ
या कागज़ को ही चूम लूँ
कुछ यूँ लिख दूँ तुम्हारे बारे में कुछ यूँ...
लिखते लिखते जिंदगी बीत जाए
हर एक लफ्ज़ से मेरी ये रूह जुड़ जाए
कुछ यूँ लिख दूँ तुम्हारे बारे में कुछ यूँ
कि मेरे लफ्जों में इत्र सा महके
तू मेरे संग संग कागज़ भी बहके यूँ
कुछ यूँ लिख दूँ तुम्हारे बारे में कुछ यूँ

