कुछ अच्छा भी देखा
कुछ अच्छा भी देखा
वैश्विक महामारी कोविड 19 के कारण
सम्पूर्ण जगत ने अपने आप को
एक वायरस के आगे बेबस देखा।
संशय और डर के माहौल में
अपने आस -पास की खबरों से
व्यक्ति के मन में नकारात्मक विचारों की
उत्पत्ति हुई।
बेचैनी के इसी परिवेश मैं मैंने
सकारात्मक विचारों के प्रसार हेतु
"कुछ अच्छा भी देखा "
समसामयिक कविता और
गीत के माध्यम से
कवयित्री धर्म का निर्वहन किया।
