STORYMIRROR

Vandana Bhatnagar

Abstract

4  

Vandana Bhatnagar

Abstract

कोरोना

कोरोना

1 min
401


कोरोना रूपी राक्षस जबसे है आया

लोगों के दिलों में है डर समाया


कहीं-कहीं इसने जमकर कहर बरपाया

रोक दी सांसे लोगों की, लाशों का ढेर लगाया


अब भारत में भी कर रहा ये खुराफात

ना कर रहा रहम बच्चों और बूढ़ों पर, ना देख रहा जात पात


पहुंचा रहा हमारी अर्थव्यवस्था को भी गहरा आघात

लगे हैं इससे निपटने को सरकार और कोरोना वाॅरियर्स दिन रात


लाॅकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग से देंगें हम इसे मात

हमारे धैर्य, एकता, मनोबल, देशप्रेम को ये जान नहीं पाया


जो बरतें हैं हमने एहतियात उसे समझ नहीं पाया

टेक देगा जल्द ही ये घुटने, जीत जाएंगे हम


देखेगा विश्व सारा फिर, हम भारतीयों का दम।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract