कोरोना की भूख मिटती ही नहीं
कोरोना की भूख मिटती ही नहीं
ये कैसा वायरस है
उस का पेट साला भरता ही नहीं
कोरोना क्या कुंभकर्ण जैसा है ?
नही , कुंभकर्ण तो छह महीने
तो सो जाता था
ये तो थकता ही नहीं
कोरोना क्या राजनेता जैसा है ?
कितना कुछ खा जाता है
पर डकार भी नहीं लेता
कोरोना क्या भ्रष्टाचार जैसा है ?
नहीं, वो तो भ्रष्टाचार से भी
तेज फैलता है
उस को कोई सरहद रोक नहीं सकता
उस को कहा कुछ फरक पड़ता है
हिन्दी हो की चीनी
१० डऔनिंग स्ट्रीट हो या
पेलेस ऑफ मोंक्लाओ [स्पेन]
कोरोना लोगो मे भय पेदा करता है
वो लोगो मे भलाई भी लाता है
उस की भलाई ये है कि
वो हमारी तरह
जात-पात में नहीं मानता
वो कोई धर्म में फ़र्क नहीं करता
उस के लिए ग़रीब हो या धनिक
सब समान है
कोरोना वायरस से तो
'थ्री इडियीट्स'
वाला वायरस अच्छा था
वो तो है भूखा भेड़िया
कहते है ग़रीब की भूख
सब से बड़ी होती है
लेकिन कोरोना की भूख
मिटती ही नहीं।
