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Shyam Kunvar Bharti

Abstract

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Shyam Kunvar Bharti

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कोरोना कहर

कोरोना कहर

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माना की कोरोना कहर बड़ा मगर आया नहीं |

सारा जहाँ दहसत मे हिन्द मगर छाया नही |

फानूस बनके करता हिफाजत वजीरे आलम |

ठहर गया वो लोकडाउन से कुछ कर पाया नहीं |

मिल रहा वतन जंगे कोरोना हर खासो आम |

जीत लेंगे जंग क्या हुआ गर कुछ खाया नहीं |

है सजग सब कर्मबीर जान अब बचाने सबकी |

घर कैद जिंदगी और बेटा घर पहुँच पाया नही|

खींच दिया लक्ष्मण रेखा दहलीज वजीरे आलम|

मकां मे कैद आदमी कोरोना से मर पाया नहीं | 

मुंह पे नकाब जेब सेनेटाइजर लेकर जाना बाहर |

रखना दूरिया तुम लोगो साथ कोरोना लाया नहीं |



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