कोरोना का सत्यार्थ
कोरोना का सत्यार्थ
कोरोना का सत्य सत्यार्थ विश्व
लड़ रहा युद्ध मची हाहाकार
ना मैदान युद्ध का ना गोली ना तोप वरूद।
ना बम वर्षा, ना एटमी हथोयार कि धमकी,
ना मिसाइल की मार।
घर में बैठा इंसान अदृश्य
विषाणु कि है दहसत मार।
एक दूजे से दुरी रखना मजबूरी घर में
रहना जाने किस अपराध
की सजा काट रहा इंसान।
ना कोई दफा मुकदमा
ना कोई मुंसिफ दलील
सजायाफ्ता मुजरिम सा
भय से भयाक्रान्त इंसान।
मौत का तांडव नंगा नाच
सुखी खांसी, तेज बुखार,
धड़कन की सांसें परेशान
भयंकर महा विश्व युद्ध में
घायल के घाव।
नहीं मिलाना हाथ नाक ढको
करते रहो हाथ को साफ़।
घर में रहना मत जाना घर के
बाहर भूल कर भी गए जो बाहर
विषाणु कोरोना का ना जाने किस
वेष में झेलना पड़े कहर प्रहार।
भारत की संस्कृतिया संस्कार
इस युद्ध से लड़ने के ताकतवर हथियार।
दुनिया में कुछ भी तहस नहस कर जाए
कोरोना भारत में निश्चित जाएगा हार।
हानि पृष्ठभूमि युद्ध का सिद्धान्त
नेक नियति, सयंम, संकल्पों से।
भारत युद्ध विजेता
विश्वगुरु का होगा नाज़।
आओ हम भारतवासी इस त्रादसी
महायुद्ध के सैनिकों को करे सलम।
लड़ रहे है जो अपनी जान को
जोखिम में डाले।
भारतवासी की जीवन रक्षा
करते खाकी वर्दी कभी प्यार से।
कहीं डांट से
मानवता के मर्म मूल्य।
भूखो को भोजन पहुँचते संकल्पित
समर की साहस, शक्ति का जवान
देश की मर्यादा मान।
प्रेम, शान्ति का श्वेत, सौम्य वैद्य,
चिकित्सक भारत का जाँबाज।
खुद की जान हथेली रख हर जान
बचाने प्रण कि प्रतिज्ञा अभिमान।
वेश भूषा अनेक, भाषा बोली
अनेक, नेक इरादे का फौलाद।
लोकतंत्र का मजबूत चौथा स्तम्भ
बुनियाद पत्रकार सुबह,
दिन, रात लम्हा लम्हा देश को कर् रहा।
महा युद्ध के खतरों से आगाह
भारत कि नाजपत्रकार।
अभिनन्दन लड़ रहे कोरोना से युद्ध पुलिस,
डॉक्टर, पत्रकार योद्धा महान।
नर नरेन् नरेंद्र का संकल्प जीतेगा भारत,
भारतवासी हारेगा कोरोना
दम्भ कि दहशत हाहाकार।