कहते हैं उसे हम माँ
कहते हैं उसे हम माँ
है यह सबसे अनोखा रिश्ता
है यह सबसे प्यारा रिश्ता,
अदभुत रचना है ईश्वर का
कहते हैं उसे हम माँ।
देती है जो हमें जिंदगी
रख के खुद को दांव पे,
परवाह करती है जो हमारी
खुद को भुला के
कहते हैं उसे हम माँ।
मिटा देती है जो खूद को
बनाने में हमे,
लुटा देती है जो खुद को
सवारने में हमे
कहते हैं उसे हम माँ।
होता है जिसे दर्द
देख ज़ख़्म हमारा
रोता है जिसका दिल
देख दुःख हमारा
कहते हैं उसे हम माँ।