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BABLU SAHNI

Inspirational

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BABLU SAHNI

Inspirational

ख़्वाहिश जवानों की

ख़्वाहिश जवानों की

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दुश्मनों की ललकार हो, या देश की पुकार हो,

वीर 'बबलू' डट जाएगा, जब शेर की दहाड़ हो।


ना इंस्टाग्राम रील बनाने में, ना ऑनलाइन टिकटिकाने में,

है गर्व जवानी पर अपने, देश की ख़ातिर मिट जाने में।


मेरे जिस्म का कतरा-कतरा, धरती माँ का गुलाम है,

सर्जरी कर दूं सीने दुश्मन का, यह प्रेम नहीं पैगाम है।


जनम दिया इस धरती माँ ने, गोद में अपनी खिलाया है,

सर्वस्व समर्पण है उनको, क्या अपना क्या पराया है।


मैं अकिंचन ग़र दे ना सका कुछ, प्राण न्यौछावर कर दूंगा,

जिस माँ ने जनम दिया है उसका, नाम उजागर कर दूंगा।



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