खामोशियां
खामोशियां
यह भावना बड़ी अजीब है कुछ को लगती अच्छी है
इसके आगे सब है दिखावटी शायद यही भावना सच्ची है
सुख से पहले और दुख के बाद यही साथ रहती है
खामोशियां भी बहुत कुछ कहती हैं।
सुख में कई छुप जाती हैं पर दुख में हमेशा साथ पाओगे
अच्छा वक्त अकेले कट जाता है पर बुरा इन्हीं के साथ पाओगे
तुम्हें दुख के सागर में भी खामोशी से तैरना सिखाती हैं
खामोशियां भी बहुत कुछ कहती हैं।
हमेशा साथ रहती हैं इसलिए इनके बिना हम अधूरे हैं
मन इसका सच्चा है और इसी से हम पूरे हैं
दुख के सूखे पहाड़ों पर सावन की हरियाली सा असर करती है
खामोशियां भी बहुत कुछ कहती है।
यह साथी है तुम्हारी उस पल की जिस पल में हम अकेले हैं
तुम्हारे साथ तुम्हारे जितने दुख इसने भी झेले हैं
फिर भी अच्छे समय में यह खामोश सी रहती हैं
खामोशियां भी बहुत कुछ कहती हैं।