STORYMIRROR

Tinku jatival

Drama

3  

Tinku jatival

Drama

खामोशियां

खामोशियां

1 min
217



यह भावना बड़ी अजीब है कुछ को लगती अच्छी है

इसके आगे सब है दिखावटी शायद यही भावना सच्ची है

सुख से पहले और दुख के बाद यही साथ रहती है

खामोशियां भी बहुत कुछ कहती हैं।


सुख में कई छुप जाती हैं पर दुख में हमेशा साथ पाओगे

अच्छा वक्त अकेले कट जाता है पर बुरा इन्हीं के साथ पाओगे

तुम्हें दुख के सागर में भी खामोशी से तैरना सिखाती हैं

खामोशियां भी बहुत कुछ कहती हैं।


हमेशा साथ रहती हैं इसलिए इनके बिना हम अधूरे हैं

मन इसका सच्चा है और इसी से हम पूरे हैं

दुख के सूखे पहाड़ों पर सावन की हरियाली सा असर करती है

खामोशियां भी बहुत कुछ कहती है।


यह साथी है तुम्हारी उस पल की जिस पल में हम अकेले हैं

तुम्हारे साथ तुम्हारे जितने दुख इसने भी झेले हैं

फिर भी अच्छे समय में यह खामोश सी रहती हैं

खामोशियां भी बहुत कुछ कहती हैं।             


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama