ख़ामोशी
ख़ामोशी
अफसोस हमें की वो हमारी ख़ामोशी के खत पढ़ नहीं पाए,
हम लिखते रहे बेसुध बनकर हमारे प्यार के तराने,
पर ये तो भूल ही गए की उन्हें ख़ामोशी पढ़ना आता कहाँ है।
अफसोस हमें की वो हमारी ख़ामोशी के खत पढ़ नहीं पाए,
हम लिखते रहे बेसुध बनकर हमारे प्यार के तराने,
पर ये तो भूल ही गए की उन्हें ख़ामोशी पढ़ना आता कहाँ है।