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Suhasini Panchal

Abstract

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Suhasini Panchal

Abstract

कोई खास

कोई खास

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कुछ चीजें अधूरी ही

अच्छी लगती है,

अगर जिंदगी में सब कुछ

होता तो जीने की

वजह ही ना होती।


सारी ख्वाहिशें पूरी होती

तो टूूटते तारे को देखने की 

चाह ही ना होती।


सबसे बेपनाह मोहब्बत होती तो  

किसी खास की बात ही ना होती।


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