STORYMIRROR

Pawanesh Thakurathi

Abstract

4.6  

Pawanesh Thakurathi

Abstract

कौन रचना बनती है कालजयी ?

कौन रचना बनती है कालजयी ?

1 min
302


मधुर व्यवहार से

क्रुद्ध शिला भी

विनयी बन जाती है। 


नित आग्रह से

रूठी प्रिया भी

परिणयी बन जाती है।


वीरता से

कायर योद्धा भी

दिग्विजयी बन जाती है।


उतरकर आती है जो

आत्मा से

कागज पर,


वह रचना 

जरूर एक दिन

कालजयी बन जाती है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract