कौन कहे ?
कौन कहे ?
प्यार के वादे झूठे
मिलन के ख्वाब अधूरे,
अफसाने वही पुराने।
किससे अब कौन कहे ?
जब कोई शेर कहे
कमाल कहे,
जो कुछ भी न कहे,
तो कमाल कहे,
जमाने को जब भी समझाए,
जालिम मेरी ही मिसाल कहे।.
प्यार के वादे झूठे
मिलन के ख्वाब अधूरे,
अफसाने वही पुराने।
किससे अब कौन कहे ?
जब कोई शेर कहे
कमाल कहे,
जो कुछ भी न कहे,
तो कमाल कहे,
जमाने को जब भी समझाए,
जालिम मेरी ही मिसाल कहे।.