ज्ञान
ज्ञान
ज्ञान
के तो
अनेकानेक
प्रकार
होते है
सिर्फ
किताबों
में हीं
ज्ञान कहां
ज्ञान
हर जगह है
समाज के
भीतर
परिवार के
भीतर
दोस्तों के
दोस्ती के
भीतर
सिर्फ
शब्दों में हीं
ज्ञान नहीं
छुपा होता
ज्ञान
रिश्तो के
भीतर
संबंधों के
भीतर
प्रेम के
भीतर
नफरत के
भीतर
स्याह
रिश्तों के
भीतर
कसैले
संबंधों के
भीतर
भी
छुपा
होता है!