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Sanju nirmohi

Abstract

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Sanju nirmohi

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जमाना

जमाना

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हवा के साथ चलता है फिजा के साथ चलता है, 

गमों को छोड़ देता है खुशी के साथ चलता है।


चले सच की डगर पर जो उसे पागल समझता है, 

जो हो झूठा कोई उसके जमाना साथ चलता है।


गरीबी में मरे कोई तो कोई साथ नहीं आता,

अमीरों का कुत्ता भी मरे तो जमाना साथ चलता है।


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