ज़िंदगी
ज़िंदगी
क्यूं जिंदगी में इतने सवाल है, रोज हमें जबाब देना पड़ता है
डर नहीं किसिका है मुझे, फिर भी ये बेचेनिया क्यों है
दीखाती है, ऐ जिंदगी तू काला साया मुझे, डर तो लगना ही है
मगर समझ आ जाता है, संघर्ष ही तो जिंदगी है
आखों में भर दिया है जो सपने तूने, ऐ जिंदगी दिल बेताबियों से भर गया है
काला साया से ना डरा , लगना डर अब तुझे है
भर दिया है विश्वास जो इतना, उम्मीद के पंख जग गया है
चमकुंगा मैं तारों
के जैसे
गर्जुनगा मैं बिजली के जैसे
ऐ जिंदगी देख मुझे, तेरे काले साये से ऊपर उठ चुका हूं मैं
दम है तो आजमlलेना, तेरा हर सवाल मेरे सामने छोटा है
समझ गया हूं मैं, सवlल जिंदगी मैं नहीं
जिंदगी ही एक सवाल है, जिंदगी ही एक सवाल है।