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Rashi Singh

Inspirational

4  

Rashi Singh

Inspirational

जिंदगी

जिंदगी

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चिराग वही जले रात भर जो हवाओं से न डरे
संध्या से भोर तक साथ दिया बाती ने, डटे रहे ।

 इजाफा होता गया मेरी, बौद्धिक संपदा में रोज
 मैने किया मन का सदा और ,कोई कहे सो कहे ।

 मैं आगे बढ़ा तो रोका गया नफरत और झांसे से
 मगर अपने बड़े कदमों को हम हिदायत देते रहे ।

 शिकवे , शिकायत और जवाबदेही अपनी ही रही क्योंकि हम से ज्यादा हमें कोई जानता ही नहीं ।

 चिराग वही जले........ ।।
 राशि सिंह ( मुरादाबाद उत्तर प्रदेश) 


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