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Rashi Singh

Inspirational

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Rashi Singh

Inspirational

गृहणी

गृहणी

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गृहिणी का कभी इतवार नहीं होता 

यह और बात है किसी को एतबार नहीं होता ।


बना लेती एक रात पहले सूची कल की 

यह बात और है यह सिलसिला खत्म नहीं होता ।


आंखें मलती छोड़ देती है गर्म बिस्तर को 

यह बात और है मन दुखों से सर्द नहीं होता ।


जिम्मेदारी के चक्र में घिरी रहती है उम्र भर 

यह बात और है सांसों का चक्र इसी में छूट जाता ।


सांस अटकी रहती है उम्र भर घर परिवार में 

यह बात और है उसके बारे में कोई नहीं सोचता ।



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