जिंदगी जीने के लिए
जिंदगी जीने के लिए
फिर चल पड़े जिंदगी के साथ,
जिंदगी जीने के लिए।
कोई कहता है पहेली, कोई कहे है ये सहेली,
कोई कहता है ख्वाब है, तो कोई कहे सवाल।
किसी की अंजानी है जिंदगी,
किसी की पहचान है जिंदगी।
कोई इसे जीना चाहता है,
कोई इसका अंत चाहता है।
क्या है किसी को है नहीं पता,
पर हर किसी को है रही ये सता।
हार जाते हैं यूं तो इससे कई,
बड़ी ही सहजता से जीत जाते हैं कई।
कभी कुछ पल हँसाती है ये
और कभी खूब रुलाती है ये।
कुछ हमसे खेलती है जिंदगी,
कुछ हमें खिलाती है जिंदगी।
सिखाती है जीना हर रूप में, हर रंग में,
सीख जाते हैं सभी जीना इसके संग में।
इन्हीं रंगों को समझने, जानने के लिए,
फिर चल पड़े जिंदगी के साथ, जिंदगी जीने के लिए।