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Ram Chandar Azad

Abstract

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Ram Chandar Azad

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जीवन में उड़ान

जीवन में उड़ान

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जिंदगी की उड़ान

छोटी है या बड़ी

महत्त्वपूर्ण यह नहीं है

पर महत्त्वपूर्ण यह है कि

वह एक उड़ान है।


जो उड़ान भरने वाले की

एक पहचान है।

जब तक ये जहान है

शरीर में जान है तब तक ही

जीवन मे उड़ान है।


जान गई, पहचान गई

आदमी की उड़ान गई।

जितनी ऊँची होगी उड़ान

उतना ही वह होगा महान।


जितने ऊँचे सपने

उतनी ऊँची उड़ान

कर्मठता की यही सही पहचान

लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए

उड़ान की विशेष भूमिका

जैसा लक्ष्य वैसी उड़ान।


बिना लक्ष्य के उड़ान नहीं

और बिना उड़ान के लक्ष्य।

सपनों की उड़ान कभी भी

बौनी नहीं होनी चाहिए।


लम्बी उड़ान ही हमारी

पहचान होनी चाहिए।

इसी के बल पर

सामाजिक प्रतिष्ठा

को स्थान मिलता है।


इसलिए- कुछ भी हो

बिना उड़ान के

जीवन निरर्थक है

चाहे वह ऊँची हो

अथवा बौनी।


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