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Amitav Sahu

Abstract

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Amitav Sahu

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जीवन का अर्थ

जीवन का अर्थ

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जीवन का अर्थ

मिट्टी को चिरकर

उगतेहुए चारा

जो हवा पानी में बढ़ता है

फिर टुटता है

कभी हरियाली

फिर पतझड़

कभी झुक जाना

फिर खड़े होना

कभी टूट टूट कर गिरना

फिर मिट्टी में मिलना

मिट्टी बनना !!



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