जीवन एक समर
जीवन एक समर
जो भाग्य में लिखा है मिलकर वही रहेगा
जलधार है जहाँ को दरिया वहीं बहेगा
कहते हैं ये वही जिनमें प्राण अब नहीं है
संधान साधने को तय वाण अब नहीं है
दरिया भी मुड़ते हैं जब तूफ़ान की लहर हो
साहस ही साथ देगा जीवन अगर समर हो
इक जीत में ये दुनिया हीरो तुम्हें कहेगी
इक हार में ये दुनिया ज़ीरो तुम्हें कहेगी
साधन अलग अलग हों पर साध्य एक रखना
लेना हो फ़ैसला तो अपना विवेक रखना
जीने की चाह में सब जीना ही भूल जाते
खाकर ज़रा सी ठोकर राह प्रतिकूल जाते
तारीख़ में कई जो हर हाल में खड़े थे
सोचा कि लौट जाएं पर देर तक लड़े थे
भर आग धमनियों में लड़ने गया तपस्वी
जीता वो मुश्किलों से अरि की मिटा दी हस्ती
जो साथ दे खुशी से वो साथ है ज़रूरी
इक हमसफ़र नहीं है तो राह कुछ अधूरी
बनती यहां जहां में आबाद की कहानी
पर कौन पूछता है बर्बाद की कहानी
डूबा हुआ ये सूरज कल फिर दिखाई देगा
जीवन सदा सचल है फिर से गवाही देगा।
