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ଧୀରେନ୍ କୁମାର ବେହେରା .ତାଳସଙ୍ଗା

Comedy

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ଧୀରେନ୍ କୁମାର ବେହେରା .ତାଳସଙ୍ଗା

Comedy

जीवन बीमा दास बिहारी

जीवन बीमा दास बिहारी

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एक दिन सुबह 

घर ढूंढते हुए

पहुँचा में सी.डी.ए-छह नम्बर।


उँचा लाल फाटक

'कुत्ता से सावधान'

'ए-एकिश' नाम 'बीमा कुटीर'।


मुझे तो यह लगा

मकान मालिक होगा

किसी न किसी बीमा कर्मचारी।


जब मैंने देखा

पट्ट का लिखा

'जीबन बीमा दास बिहारी'।


कालिंग बेल दबाया

दरवाजा खुला

निकली सुन्दर सी महिला।


मेरे पर द्रष्टि रखी

धीरे से वह बोली 

क्या काम था भैया ?


झट से मैं बोला 

"टू लेट लिखे हो

घर किराये पे देना है क्या।"


वह मुहँ खोली 

केन्द्र, व्यांक या बीमा कर्मचारी

हो तो देगी धर किराया।


जब सुनी एल.आई.सी.

घर को बुलाई 

दही लस्सी पिलाई और रोया।


आश्चर्य हो कर

पूछा देखकर 

बहन तुम्हारा हुआ क्या।


कहने लगी पति उनका

एक्सिडेण्ट में मरा

बेटा जन्म नहीं हुआ था।


सास-ससुर, भैया-भाभी

कोई साथ नहीं दी 

जीवन बीमा हाथ थमा आया था।


'जीवन मित्र' चार लाख की

पॉलिसी थी पति की 

मिला भुगतान नौ लाख बीस हजार।


परिजन दूर जो चले थे

भुगतान निकट ला दिए

सहायता से बनवा यही धर।


बेटा जन्मा नाम रखा

'जीवन बीमा दास बिहारी'

घर का नाम 'बीमा कुटीर'।


बेटा पढ़ रहा है अभी

कटक का 'एस् .सी. बी.'

डॉक्टर बनने का इन्तजार।


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