इत्तफाकन इश्क
इत्तफाकन इश्क
मैं और मेरी दुनिया
दोंनो का ही
इस दुनिया से जैसे
कोई नाता ही नहीं है
मेरी दुनिया में सपने रहते हैं,
और मैं उन सपनों में
मैं रोज़ एक भीड़ भाड़
भरी जगह में अकेले
बैठ कर स्केच
बनाती रहती हूँ,
और रोज़ कई लोग
कलाकृति देख
दो पल के लिए
ठहर जाते थे,
वो भी ऐसे ही
आया था एक दिन।