aayushi narayan
Romance
हर सुबह मेरे इश्क में इज़ाफा करती है
कुछ इस तरह तेरी यादें मेरी रातों को
मुक्कमल करती है।
इश्क में इज़ा...
इश्क में इजा़...
इश्क में इज़ा...
अगर उनकी समस्याओं और परेशानियों को दूर करने के लिए कुछ किया जा सकता है। अगर उनकी समस्याओं और परेशानियों को दूर करने के लिए कुछ किया जा सकता है।
मैं जो कलम हूं तो स्याही तुम हो मैं अगर किताब हूं को पन्ना तुम हो मैं जो कलम हूं तो स्याही तुम हो मैं अगर किताब हूं को पन्ना तुम हो
तुम किसी और की तो हो, पर बहुत ज़रा सी मेरी भी हो। तुम किसी और की तो हो, पर बहुत ज़रा सी मेरी भी हो।
पता है कि तुम बेवफा हो, चले जाओगे एक दिन फिर भी, पता है कि तुम बेवफा हो, चले जाओगे एक दिन फिर भी,
रात ख्वाबों में अक्सर कुछ धुंधली-सी यादों का बसेरा हो जाता है। रात ख्वाबों में अक्सर कुछ धुंधली-सी यादों का बसेरा हो जाता है।
ये दो शारीरिक आत्मायों की भूख है ,इस खेल में कोई हार - जीत नहीं। ये दो शारीरिक आत्मायों की भूख है ,इस खेल में कोई हार - जीत नहीं।
आंखों की बरसात का मौसम अब खत्म ही हुआ जानो। आंखों की बरसात का मौसम अब खत्म ही हुआ जानो।
अंधेरे में कुछ पल को खो जाए जब, तो फिर याद आये मुझे अपना रब, अंधेरे में कुछ पल को खो जाए जब, तो फिर याद आये मुझे अपना रब,
प्रिय लिखूँ प्रियतमा लिखूँ, बस मेरी लिखूँ या प्यारी भी संग, प्रिय लिखूँ प्रियतमा लिखूँ, बस मेरी लिखूँ या प्यारी भी संग,
मृग सी कस्तूरी वाली, हमें भी तो बताओ कहांँ से आए हो। मृग सी कस्तूरी वाली, हमें भी तो बताओ कहांँ से आए हो।
दिल के कोरे पन्नों पर मुस्कुराने की वजह लिख दो, तुम क्या चाहते हो एक बार हंस कर हमसे। दिल के कोरे पन्नों पर मुस्कुराने की वजह लिख दो, तुम क्या चाहते हो एक बार हंस...
कुछ न कहो...कुछ न सुनो.. बस महसूस करो उसका दर्द ! कुछ न कहो...कुछ न सुनो.. बस महसूस करो उसका दर्द !
तुम कभी फूलों सी तो कभी पंखुड़ी गुलाब की लगती हो। तुम कभी फूलों सी तो कभी पंखुड़ी गुलाब की लगती हो।
मेरी कल्पना क्या है रूप तुम्हारा ? मुझको भी बताओ, मेरी कल्पना क्या है रूप तुम्हारा ? मुझको भी बताओ,
रेल की पटरी की तरह हैं हम दोनों ताकते रहते हैं एक दूसरे को दूर से ही। रेल की पटरी की तरह हैं हम दोनों ताकते रहते हैं एक दूसरे को दूर से ही।
तो क्या ये सबका जुड़ना और लगाव अनायास यूँ ही होता? तो क्या ये सबका जुड़ना और लगाव अनायास यूँ ही होता?
अपना लो और आ जाओ बांहों में, तुम्हें अपना गुलिस्तां बना दूँ अपना लो और आ जाओ बांहों में, तुम्हें अपना गुलिस्तां बना दूँ
भले जिस्म दो हों अकेला अधूरा वही प्रेम है जो रहे रूह वाला।। भले जिस्म दो हों अकेला अधूरा वही प्रेम है जो रहे रूह वाला।।
बीते दिनों को ना भुलाया करो दूर कभी मुझसे ना जाया करो बीते दिनों को ना भुलाया करो दूर कभी मुझसे ना जाया करो
हाथ मेरे हाथों में थे तुम्हारे लेकिन दिल से मेरे नहीं थे तुम। हाथ मेरे हाथों में थे तुम्हारे लेकिन दिल से मेरे नहीं थे तुम।