इंडियन नारी सब पर भारी
इंडियन नारी सब पर भारी


ना अबला हूं,
ना बेचारी हूं,
तू देख मुझे मैं नारी हूं ।
हां मैं चुप थी,
पर बेचारी नहीं हूं,
समूल प्रकृति से सबसे प्यारी हूं,
बचपन से ही मुझे यही सिखाते हैं,
कि ज्यादा घर से बाहर नहीं,
अरे क्यों ऐसे डराते हो,
भूलो मत मैं ही अंधकार का विनाश हूं ।
हां मैं ही नारी,
मैं ही मां
और मैं ही बेटी,
और किसी की बहन हूं,
क्यों हमेशा मेरा अपमान होता है,
क्यों हमेशा मेरे साथ तिरस्कार होता है,
क्यों हमेशा मैं ही सहती हूं,
क्यों हमेशा मेरे दुर्गा रूप का मजाक उड़ता है,
क्यों हमेशा एक आवाज उठती है,
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
कभी कोई यह क्यों नहीं कहते,
बेटा सुधारो, देश बचाओ,
अरे देश की आन बान शान हूं मैं,
तू देख मुझे,
मैं रणभूमि की काली हूं
ना अबला हूं,
ना बेचारी हूं ,
तू देख मुझे मैं नारी हूं !!