जिंदगी
जिंदगी


ऐ जिंदगी अब तेरे से ना कोई बहाना है ..
अब तो बस केवल मुझको मेरी मंजिल पाना है ।
कितना कुछ सिखा दिया तूने मुझको इस छोटी सी उम्र में
अब तो बस तुझे खुशी-खुशी जीते जाना है जिंदगी ...
मुझको तो बस अपने हर मकसद को पाना है ।।
अब जिंदगी बस तुझको जीते जाना है...
इतने मकसद
मिल गए मुझको जीने की समझ नहीं आ रही किस को अपना मानूं मैं ...
इस तरह खुशी में भी मुझे मिल गया मुझे यह रोने का बहाना है ,
मिटा दे तू यह रोने के बहाने को
ज
िंदगी मुझे तो तुझे खुशी-खुशी जीते जाना है...
काम करना है बहुत सारा ना थकने का देना कोई बहाना है...
तुझको जीना है जिंदगी ना देना है काटने का कोई बहाना है..
ऐ जिंदगी अब तेरे से न कोई बहाना है
अब तो बस केवल मुझको मेरी मंजिल पाना है...
अपनों को खुश रखना है, पर पहले खुद को मुस्कुराना है ...
गम का सागर भी मिल जाए मुझे
तब भी तितली की तरह आसमान में उड़ जाना है....
अपनी हर मंजिल को पाना है जिंदगी बस तुझको जीते जाना