STORYMIRROR

Pushkar Baranwal

Romance

3  

Pushkar Baranwal

Romance

इजहारे इश्क

इजहारे इश्क

1 min
173

तू रंग बिखेरे महफ़िल में, 

तेरे पाओ से ताल मिलाऊं मै,

तू बन जा मीरा उस कान्हा की, 

और स्वयं कृष्ण बन जाऊ मै,


तू राग छेडे बिरहा की, 

तेरे जीवन में ददरी ठुमरी लाऊ मै,

तू बन मोरनी नाचे सावन, 

और बादल बन जाऊ मै।


तेरे अंग अंग से बहे सुधा, 

जिनका रसपान कर पाऊं मै,

तू बन उर्वशी नृत्य करे, 

और स्वयं इन्द्र कहलाऊं मै।


तू मंगल गीत का शगुन बने, 

तेरे द्वारे बारात को लाऊ मै,

तू बन जा मेरी अर्धांगिनी, 

तेरे कण कण में बस जाऊ मै।


तू रिश्तों का सागर बने, 

कुछ बूंदे स्नेह की बरसाऊ मै,

तू शुभ लक्ष्मी बन बिखरे घर में, 

और भक्त सा नतमस्तक हो जाऊ मै।


तू डाल बने मेरे जीवन की, 

और स्वयं पात बन जाऊ मै,

तू बने भाग्य मेरे गौरव का, 

और सौभाग्यशाली कहलाऊं मैं।


तू ध्यान करे किसी जोगन सी, 

तेरी भक्ति में खो जाऊ मै,

तू महक बिखेरे किसी चंदन सी, 

स्वयं सर्प हो जाऊ मै।


तुझे ममता का उपहार मिले, 

और पिता का गौरव पाऊ मै,

तू जब असमंजस से डरी रहे, 

तेरी हर गुत्थी सुलझाऊ मै।


खडा रहूं जब यम के दर पर, 

सिरहाने पाकर तुझको

खुशी खुशी मर जाऊँ मैं,

तेरी आंखों में मुझे स्नेह दिखे, 

हर जन्म तुझे ही पाऊँ मैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance