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Praveen Gola

Abstract

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Praveen Gola

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होली में हुड़दंग नहीं

होली में हुड़दंग नहीं

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होली में हुड़दंग नहीं,

फूलों की वर्षा करनी है,

प्रेम और सदभाव बढ़ा,

नफरत की होली जलनी है।


रसायनिक रंगों का उपयोग ना कर,

प्राकृतिक रंगों की होली मननी है,

गुलाल और अबीर के संग,

हवा में सुगंध भरनी है।


व्यर्थ जल को ना बहा,

जल संरक्षण की प्रतिज्ञा करनी है,

एक - दूजे को गले लगा,

गुंजिया की चाशनी चखनी है |


गंदे और अश्लील मजाकों से,

ना मर्यादा खंडित करनी है,

दूसरों के आत्मसम्मान की, 

इस दिन पूरी रक्षा करनी है।


होलिका दहन में गीले वृक्षों की,

कीमती लकड़ी की ना बलि चढ़नी है,

पर्यावरण सुरक्षा की प्रतिज्ञा,

सबको एक साथ करनी है।


होली में हुड़दंग नहीं,

फूलों की वर्षा करनी है,

प्रेम और सदभाव बढ़ा,

नफरत की होली जलनी है।


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