#हो_सके_तो
#हो_सके_तो


हो_सके_तो,
चिराग-ऐ-दिल तुम अपना जला दो,
दिलों के बीच में हो अंधेरा तो मिटा दो,
दो कदम थोड़ा तुम ही आगे बढ़ो,
रिश्तों में गर हो फासला तुम ही घटा दो
हो_सके_तो
राह में तुम्हे कोई रोता हुए मिल जाए तो,
दो पल रुको और उसको थोड़ा हंसा दो,
बिखर गया तूफ़ां में जो चिड़ियों का घोंसला
दो आसरा उनको और एक दूजे से मिला दो
हो_सके_तो
गर टूटा हो दिल तुम्हारा किसी के इश्क में,
याद में उनकी रो-रो के जिंदगी ना बिता दो,
बन जाओ दिलबर तुम किसी टूटे हुए दिल के
दो दिलों को जोड़ो थोड़ा
मरहम लगा दो।
हो_सके_तो
भटक गया हो जो कोई अपनी डगर से,
दिखाओं उसे रास्ता सही पते पे पहुंचा दो,
ना उजाड़ो सपनो का शहर किसी मासूम का
बन जाओ बागबाँ उसके
शहर का बगीचा सजा दो
हो_सके_तो
ले लो सारे ग़म "नितीश" किसी गरीब के
गर ना ले सको पूरे
बाँट लो ग़म थोड़े ही घटा दो,
दुआ करो जाने अनजाने किसी का दिल ना दुखा हो
गर दुःखा हो तो ताउम्र उनकी खुशियों की दुआ दो।