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Abhinandan Shaan

Abstract

4.7  

Abhinandan Shaan

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"हमारे जीवन में नारी की रूप"

"हमारे जीवन में नारी की रूप"

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 नमन हैं हे नारी शक्ति 

मानव सृष्टि की उत्पत्ति हो

लाखों कष्ट सह कर

हमें इस दुनिया मे लाया।


हमारी मुस्कान

अपनी आसूँ से सीचा।

स्वर्ग से भी सुंदर 

होता आँचल तुम्हारी 

नारी के इस रूप में 

मैं माँ को पाया।


नमन हैं हे नारी शक्ति 

दूसरी बार बहन के रूप में 

मै जो तुझे पाया

बनी हसीन बचपन हमारी 

बहन रूप की है जो गाथा


दुनिया की ये अद्भुत नाता

बांध रेशम की अनमोल धागा

ताकि भाई रहे सदा निराला।


नमन हैं हे नारी शक्ति 

ऋणी हैं दुनिया तुम्हारी

हर कुर्बानी तुने दे दी

घर सवारने दूसरे की

अपनी आंगन छोड़ आयी।


बन जाती हैं जीवन हसीन 

 महबूब रूप पाते जब।

 नमन हैं हे नारी शक्ति

 कन्या रूप ले नारी

 हमारे घर आती हैं 

बेटी की इस रूप में 

साक्षात देवी को पाते हैं।


धन होती जीवन उसकी

चारो रूप तुम्हें जो पाते।।

नमन हैं हे नारी शक्ति।

राष्ट्र की है तू स्वाभिमानी 

त्याग भरा जीवन तुम्हारी 


है समाज की आधारशिला तू

तुम बिन अधूरी सृष्टि हमारी

नमन हैं हे नारी शक्ति।


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