भारत के वीर
भारत के वीर
है सुरक्षित भारत देश हमारा
है खड़ा कर जीवन अर्पित वीर हमारा
है दूश्मन ताक पर कब्जा करने भू हमारा
कर नौछावर प्राण की अपनी
गौरव बढाई मातृभूमि की अपनी
कर छल था वार किया निहत्थे वीर पर
उनकी शौर्य वीर की है यह गाथा
एक ने दस दस को है मारा सुलाया
निहत्थे थे खड़े रहे चट्टानों सा
रिस्ता रहा खून सीने से
पड़ने दिया नहीं अपवित्र पैर
भारत मां के आँचल पर
छूपकर घात,ले जनता की आर
करें देश में जब आतंकी वार
आतंकी दैत्यों का उतारे मौत की घात
दे प्राण अपनी बचाये मासूम जान
मरूस्थल की ताप बार्फिले की भाप
क्या आँधि क्या तूफान
डटे खड़े रहते हैं दिन रात
सोते है हम तुम चैन की नींद
होते खड़े शरहद पर वीर जवान
त्याग अपने शौख सुकून
मन तृप्त हो जाती हैं
उनके वीर कथाओं से
गौरवंवित हो जाता हूँ
उनके धैर्य बलिदानों की
हर दिन लोह ले जीने वाले
हे मातृभूमि के वीर पूत्र
करता हूँ मैं वंदन अभिनन्दन!