The Stamp Paper Scam, Real Story by Jayant Tinaikar, on Telgi's takedown & unveiling the scam of ₹30,000 Cr. READ NOW
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हम से छुपाता रहा

हम से छुपाता रहा

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डाल मेरे जख्मों नमक वो मुस्कुराता रहा

मेरी आह परवाह नहीं वो खिलखिलाता रहा।


मिले हर खुशी उनको थी चाहत मेरी

देख मेरी तड़प वो गुनगुनाता रहा।


था इकरार या इंकार कुछ कहा ही नहीं

दिल समंदर ज्वार प्यार वो उठाता रहा।


पकड़ हाथ मेरा लड़ लिया तूफानों से

बन हमसफर मंजिल मुझे भटकाता रहा।


कबुल कर देखो इश्क नजारे बदल जाएंगे 

ठुकरा मोहब्बत मेरी मुझे तड़पाता रहा।

लूटा दूंगा दिल की दौलत तुम्हारे लिए

हसरतों के दिये फूंक मार बुझाता रहा।


मेरा हर हुश्नों शबाब तुम्हारे लिए है

थाम गैर दामन मुझे वो भरमाता रहा।

हसीन होगा सफर साथ चलकर तो देखो

दोस्त बनकर सरे राह कांटे बिछाता रहा।


कर दूंगा रोशन दुनिया तेरी मैं जुगनू सही

तोड़कर दिल आँसू हम से छुपाता रहा।


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