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हक़ीकत

हक़ीकत

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साथ साथ जो खेले थे कॉलेज में,

वो दोस्त अब थकने लगे हैं


किसी का पेट निकल आया है,

किसी के बाल पकने लगे है

सब पर भारी ज़िम्मेदारी है,

सबको छोटी मोटी कोई बीमारी है

दिन भर जो भागते दौड़ते थे,

वो अब चलते चलते भी रुकने लगे है

पर ये हक़ीकत है,

सब दोस्त थकने लगे है


किसी को लोन की फ़िक्र है,

कहीं हेल्थ टेस्ट का ज़िक्र है

फुर्सत की सब को कमी है,

आँखों में अजीब सी नमीं है

कल जो प्यार के ख़त लिखते थे,

आज बीमे के फार्म भरने में लगे है

पर ये हक़ीकत है

सब दोस्त थकने लगे है


देख कर पुरानी तस्वीरें,

आज जी भर आता है

क्या अजीब सा है ये वक़्त भी,

किस तरह ये गुज़र जाता है

कल का जवान दोस्त मेरा,

आज अधेड़ नज़र आता है

ख़्वाब सजाते थे जो कभी ,

आज गुज़रे दिनों में खोने लगे है

पर ये हक़ीकत है,

सब दोस्त थकने लगे हैं


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