हिंदी
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आज 14 सितंबर मतलब हिंदी दिवस।
भारत में हिंदी दिवस मनाया जाना दुर्भाग्य की बात है। भारत में तो हर पल, हर क्षण, हर दिन हर रात हिंदी दिवस है और होना चाहिए। सभी भाषाएँ शहद से मीठी हैं प्यारी हैं दुलारी है। लेकिन किसी को तो बड़ी बहन का पद देना होगा।
भाषा को समर्पित कविता
बहुत प्यारी होती है भाषा
परस्पर मिलने की अभिलाषा
भाव- अभिव्यक्ति का साधन
दिल से दिल मिलने का वाहन।।
सब भाषाओं की जननी एक
संस्कृत सुंदर भाषा एक
देववाणी पद पर आसीन
सुंदर, सुरम्य और प्राचीन।।
दिल से प्यार झलक रहा है,
व्यर्थ छिपा रहे हो इसको।
राजनीति के कुचक्र में
क्यों फंसा रहे हो इसको।।
गर सीमाएँ बाँध दी तो
घर छोटे हो जाएँगे।
सीना तानकर चलते थे,
सिर भी फिर झुक जाएँगे।।
एकता, अखण्डता की अमर
ज्योत फिर बुझ जाएगी।
विश्व में फिर लज्जित होंगे,
अमर्त्य छवि मिट जाएगी।।
अक्षुण्ण शक्ति है हमारी,
सिद्ध कैसे कर पाएँगे।
विजय पताका विश्व में
फिर कैसे लहरा पाएँगे।।
थोड़ा - थोड़ा सब चलें
सबके दिल मिल जाएँगे।
द्वेष की राजनीति त्याग,
एकता का परचम लहराएंगे।।
भाषा के नाम पर मत बाँटो देश,
न करो किसी से ईर्ष्या- द्वेष।
सहोदरी हैं सब भाषा,
हिंदी बड़ी बहन की परिभाषा।।
सभ्यता के गाल पर तमाचा न मारो
नवागुंतक पीढ़ियों का भविष्य न उजाड़ो।
राष्ट्रभाषा रूप में स्वीकारो
एकता का महल गढ़ डालो।।
हिंदी दिवस की अनन्त शुभकामनाएँ