STORYMIRROR

Gazala Tabassum

Inspirational

4  

Gazala Tabassum

Inspirational

हिंदी की बिंदी

हिंदी की बिंदी

1 min
260

हिंदी दिवस पर चार सू हिंदी यूं छाई है

जैसे कि उसकी आज हुई रुनुमाई है(मुंह दिखाई)


हिंदी मेरी रगों में है उर्दू ज़ुबां पे है

कविता है प्यारी उतनी ही,जितनी रुबाई है


गहरे हुए हैं भाव भी हिंदी में पल के ही

हिंदी में ढल के भाषा मेरी मुस्कुराई है


हिंदी से ही तो आई है उर्दू वजूद में

हिंदी है अपनी और न उर्दू पराई है


हिंदी ने मान, यश दिया सम्मान भी दिया

हिंदी से जिस किसी भी हुई आशनाई है


इंकार कब है इससे कि इंग्लिश ज़रूरी है

पर साथ हमने बच्चों को हिंदी पढ़ाई है।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational