STORYMIRROR

Shivankit Tiwari "Shiva"

Abstract

3  

Shivankit Tiwari "Shiva"

Abstract

हिन्दी हमारी पहचान

हिन्दी हमारी पहचान

1 min
377

भावों का जो विस्तार करती,

शब्दों का जो श्रृंगार करती,


जिसकी सीमा का कोई अंत नहीं,

जयशंकर, दिनकर और पंत वही,


हिन्दुस्तान की धरा का अस्तित्व है हिन्दी,

हिन्दुस्तानियों का अद्भुत व्यक्तित्व है हिन्दी,


हम गर्व से कहेंगे "हिन्दी है हम" "हिंदी है हमारी"

बाकी सभी भाषाओं पर हमारी हिन्दी है भारी,


-


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract