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Shivankit Tiwari "Shiva"

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Shivankit Tiwari "Shiva"

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मेरी माँ

मेरी माँ

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इस धरा का अद्वितीय अनुपम वरदान है माँ,

जन्मदात्री जगतपूज्या जग में सबसे महान है माँ,


नौ महीने कोख में रख वह शिशु को जन्म देती,

अथक पीड़ा सहन कर भी वह किसी से कुछ न लेती,


दया, ममता, स्नेह की माँ अद्भुत अप्रतिम तस्वीर है,

कितने रूपों को जीती लिखती कितनी तकदीर है,


माँ है तो ये दुनिया है माँ से सारा जहान है,

माँ है तो सारे सपने है माँ से ही मुस्कान है,


माँ अगर है तभी बच्चों के पूरे होते है अरमान,

माँ से ही ये है जमाना माँ से है सारी पहचान,


बच्चों की ख़ातिर करती अपने सारे सपने क़ुर्बान है,

सच में माँ सम जग में न दूजा कोई भगवान है,


माँ है मिलती प्रेरणा और माँ से मिलता ज्ञान है,

माँ से मिलती जिंदगी और जग में मिलता मान है,


लिखता हूँ मैं माँ पर सदा और सदा लिखता रहूँगा,

माँ ही मेरी है कलम और माँ ही मेरी जान है,



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